मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012

भारत की हत्यारन …

किसी अंग्रेज के हाथो से पैदा की गयी कोंग्रेस जिस का काम ही अंग्रेजो की दलाली और भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के क्रन्तिकारी वीरो को मुख्यधारा और सामाजिक स्वीकार्यता से दूर करना था आज तक भारत को जिन्दा करने और उसकी महान आत्मा को पुनस्थापित करने के लिए १२५ सालो बाद भी कुछ नहीं कर पाई है!
मुग़ल बिन कासिम से 712  से शुरू हुए “हिन्दुकुश अभियान” के बाद से और अब पिछले पांच सौ सालो में अपनी हिन्दू पहचान और ताकत को गँवा चुके भारत को सन सैंतालिस की ईसाई औपनिवेशिक गुलामी से आजादी के बाद अपनी खोयी पहचान को वापस प्राप्त करने की जरूरत थी. पर भीख में मांगी आजादी के बाद अपनी सौदेबाजी की फितरत के चलते और कायरता के चलते नए आजाद भारत, कोंग्रेसियो के शब्दों में इंडिया, का विभाजन कर तिहाई जमीन इस्लामिक धर्मान्धता के आगे घुटने टेक मुस्लमान राष्ट्रों को बाँट दिया गया.I
भारतवर्ष की वह जमीन जहाँ पर विश्व की सबसे पहली और सबसे उन्नत सभ्यता का विकास हुआ है, जो स्थल हड़प्पा मोहनजोदड़ो, तक्षशीला, बामियान के बुद्ध, कश्मीर के मार्कंडेय मंदिर और प्राचीन भारतीय सभ्यता के लाखो नहीं बल्कि करोडो प्रतिष्ठित प्राचीन चिन्हों का केंद्र था, वो बिना सोचे समझे इस्लामी धर्मान्धो को पाकिस्तान के रूप में बाँट दिया गया!
पाकिस्तान जबसे बना है इसने भारत की जड़ ही खोदी है.. पाकिस्तान उसी इस्लामिक आक्रांताओ द्वारा हिन्दू और भारतीय राष्ट्र की हार का प्रतीक है जिन्होंने हमें पिछले ८०० सालो में हराया, मारा और हमें समूल नष्ट कर दिया है!
और कोंग्रेस उसी रीढ़ विहीन, कायर भारतीय (हिन्दू मैं कह नहीं सकता) जनसमूह का प्रधिनिधित्व करती है I
आज पाकिस्तान विश्व में होने वाली सारी इस्लामिक आतंकवादी गतिविधियों, भारत विरोधी और विश्व शांति विरोधी समस्त हिंसक रणनीतियों का प्रमुख केंद्र बन चूका है! अमेरिका से पुराने सैन्य और राजनैतिक संबंधो से लाभ उठाकर पाकिस्तान आज अत्यंत शक्तिशाली बन चूका है और उसकी हर सैन्य या वैश्विक उपलब्धि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रही है! अरब देशो के पेट्रो डौलर, नाटो और अमेरिका की दी हुई बेतहाशा भीख और इन सबके सम्मिलित नैतिक समर्थन से पाकिस्तान इस्लामिक अस्मिता का नेता बन गया है!
अमेरिकी या ब्रिटिश मिशनरीयो के आर्थिक मदद, इस्लामिक देशो द्वारा जेहादी दौलत से पाकिस्तान खुलकर अपनी भारतविरोधी और हिन्दू धर्म विरोधी साजिशो का सञ्चालन कर रहा है !
ये पाकिस्तान भारत की लगभग १० लाख वर्ग मील जमीन पर कब्ज़ा जमाकर ऐश कर रहा है और कोई एक लाख वर्गमील जमीन उसने चीन को बाँट रखी है वहीँ भारत की डेढ़ लाख वर्गमील जमीन बंगलादेश ने हथिया ली है या कहें कोंग्रेसियो ने तोहफे में बाँट दी है!! भारत की दी हुई खैरात पर पलने के बावजूद पाकिस्तान भारत की बर्बादी करने के हर षड़यंत्र करता रहा है I
कश्मीर से हिन्दुओ का नाश १००० सालो से चला आ रहा है पर पिछले २० सालो में १० लाख कश्मीरी हिन्दुओ का नरसंहार और विस्थापन करके अत्याचार,आतंक की सीमा लांघ दी है इस्लामिक आक्रान्ता पाकिस्तान ने!
इस पाकिस्तान को बनाया था कौंग्रेस ने और आज उसी पाकिस्तान को पाल रही है कौंग्रेस पार्टी और कौंग्रेस सरकार.!
क्या भारत की सरकार और साथ ही भारत की जनता की याददाश्त इतनी कम है या हमारी नसों में गर्म खून कम पड़ रहा है जो ये भूल गए की अभी तक हमें जितनी भी शत्रुता मिली है वो बस एक ही राष्ट्र से मिली है! आजादी के बाद से लेकर हम करोडो भारतीयों को पाकिस्तानियों के हाथो मरते देख चुके हैं, हर अपमान, विध्वंस, हार, खून के आंसू, शर्म और डर उसी पाकिस्तान के कारण देख चुके हैं. भारत की सेना बस एक ही दुश्मन के खिलाफ सतर्क रहती है वही सेना अपने हजारो जाबांज फौजियों को उसी पाकिस्तान के हाथो गँवा चुकी है. भारत का हर एक सैनिक बस उसी पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा देने की हसरत लिए सीमा पर जमा हुआ है, उसी पाकिस्तान के, जिसने कारगिल, तुर्तुक सीमा पर तैनात गश्ती दल के भारतीय नौजवान फौजियों की हड्डियाँ कुचल कुचल कर तोड़ी, ऑंखें गोदकर निकाल लीं, शरीर की चमड़ी छील का निकाल ली गर्म सलाखों से शरीर को जला डाला और फिर शरीर में गोली उतार कर लाश भारतीय सुरक्षा बलों के हाथ में दे दी. उसी गश्ती दल (मेजर सौरभ कालिया और अन्य शहीद) के क्षत विक्षत अपमानित किये शवो के ऊपर पाकिस्तानियों ने कारगिल का खुनी युद्ध छेड़ा.
संसद पर हमला, हमारे पूज्य मंदिरों अक्षरधाम, रघुनाथ, संकट मोचन पर हमला, बम्बई-ताज ओबेरॉय का विध्वंस, दिल्ली, जयपुर, बैंगलोर, वाराणसी, अक्षरधाम गुजरात, जम्मू, भोपाल, नागपुर, मालेगांव, गोवा इत्यादि २५ से अधिक शहरो में आतंकी वारदातों में भारतीयों का नरसंहार करने और राष्ट्र अभिमान को पद धूसरित करने वाला यह पडोसी देश पाकिस्तान हमारी घृणा का पात्र नहीं है..हमारे क्रोध का अधिकारी नहीं है… हमारी सजा का पात्र नहीं है बल्कि वो तो हमारा सबसे प्रिय सम्बन्धी बना हुआ है .. भारत की सरकार की आँखों का तारा बना हुआ है I 

आखिर भारत जैसे देश के लिए दुश्मन देश की परिभाषा क्या है?
इस देश में एक दुश्मन देश के राष्ट्रपति और उसके साथ अन्य असंवैधानिक व्यक्तिओ को व्यक्तिगत कार्य के नाम पर जियारत की अनुमति मिल जाती है जबकि उसी आतंकी झुण्ड की शह पर भय और आतंक के माहौल में अपने ही देश में लोग तीर्थ यात्रा नहीं कर सकते.. पूरे देश में भारत देश को तोड़ने वाले तंत्र को चलाने और समर्थन देने वाले राष्ट्र के साथ आखिर दिल्ली की कौंग्रेस सरकार किस प्रकार से आवभगत और आत्मीयता से मिल सकती है? कैसे शासकीय शिष्टाचार के नाम पर देश के कातिल राष्ट्र को मित्र देशो से भी अधिक सम्मान बांटा जा रहा है?
आखिर मुग़ल आक्रांताओ के नरम मुखौटो यानि मजारो और दरगाहो को जियारत के नाम पर विदेशियों के लिए खोलने का क्या मतलब है? और आखिर उन मूर्खो की मूर्खता का तो कोई पारावार ही नहीं है जो अपनी ही वधस्थल पर अपनी लालच पूरा करने का हजूम बनाते हैं ..I
ध्यान से सोचने पर ये मालूम चलता है की हर और आरोपों से घिरी कौंग्रेस सरकार अब भारतीयों के समर्थन से मुंह चुरा अपने पैदा किये पाकिस्तान और पाकिस्तानपरस्तो की खुशामत कर रही है. और इसके लिए वो भारत की संवेदनाओ और देश अभिमान को भी नजरंदाज कर देना चाहती है. सत्ता की कुर्सी पर बैठे लालची नेताओ का समस्त धर्म अब मात्र मीडिया के सामने तम्माशेबाजी, शांति वार्ता के नाम पर नौटंकीबाजी करना या व्यापार और आर्थिक गुणागणित तक ही रह गया है या फिर क्षुद्र राजनितिक फायदे के लिए दोनो देशो की पारस्परिक शत्रुता की प्रदर्शनी ..बस, उससे ऊपर कुछ नहीं. !!
अपने घर में किसी के साथ छेड़छाड़ पर तो हम जान लेने पर उतारू हो जाते हैं कैसे वहीँ लाखो भारतीयों की मौत के जिम्मेदार दुश्मन देश के खिलाडियों, कलाकारों, राजनीतिज्ञों, घुसपैठियों पर हमारा प्यार उमड़ उमड़ कर बहता है? इतना की हमारा ही प्रधानमंत्री उस आतंकवादी मुल्क को मासूमियत का प्रमाणपत्र बांटता फिरता है, इतना प्रेम की भारत का एक बिहारी नौटंकी सांसद पाकिस्तान में आलू देखकर भारत और पाकिस्तान को बराबर बनाता फिरता है!!
क्या हममे कोई अन्तर्निहित कमजोरी है पौरुष का प्रदर्शन न कर पाने की, बहादुरों की तरह व्यवहार करने और आत्मसम्मान सहित रहने में? क्या भारत की कोई मजबूरी है जो पाकिस्तान से सम्बन्ध बनाये बिना उसका काम नहीं चल सकता? क्या पूरी दुनिया में एक फटेहाल पाकिस्तान ही ऐसा है जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापर जरूरी है? क्या भारत इतना गया गुजरा हो गया है की पाकिस्तान से क्रिकेट खेले बिना उसका गुजारा नहीं हो सकता है? क्या भारतीयों की मनोरंजन की हवस इतनी अधिक है की वो अपने लोगो के हत्यारों के साथ ही खेल कूद कर आनंदोत्सव मनाना चाहते हैं?
जो व्यक्ति या देश सही तरीके से दुशमनी नहीं निभा सकता वो दोस्ती भी सच्ची नहीं निभा सकता … अमेरिका तो पाकिस्तान से अपनी बरसो से चली रही दोस्ती निभाता चला आ रहा है जैसा की दो मर्द करते हैं और भारत? भारत तो अपने मित्रदेश सोवियत संघ से भी मित्रता तभी तक निभाता रहा जबतक वो एक सशक्त राष्ट्र था अब उसके बाद कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय समझदारी के नाम पर एक दुश्चरित्रा स्त्री की तरह अब यही भारत रूस को भूल कर अमेरिका से मदद के लिए किसी भी हद तक झुक जाता है और पाकिस्तान के साथ तो यथोचित व्यवहार करने में अभी भी इसे शर्म आती है!
जिस पाकिस्तान को पूरा विश्व दुतकारता है उसे सम्मानित करने का बीड़ा उठाया है भारत सरकार ने..जिस पाक प्रायोजित इस्लामिक आतंकवाद ने दुनिया भर को चौकन्ना कर दिया है भारत सरकार ने “हिन्दू आतंकवाद” का अविष्कार कर के उसी जेहादी आतंकवाद को भारतीय संरक्षण देने का काम किया है भारत सरकार ने! दुनिया में सबसे अधिक मुस्लमान जनसँख्या वाले भारत ने दुनिया में आतंकवादियो की गारद तैयार करने का ठेका लिया है.. भारतीय मुसलमानों को अलकायदा, लश्कर का मुरीद और आतंकियों के तीर्थ पाकिस्तान से रूबरू कराने और उसे भारत भर में महिमामंडित करने का बड़ा महान काम कर रही है भारत की केंद्रीय कौंग्रेस सरकार.. !!
भारतवर्ष आर्यदेश आर्यवर्त को आज तक मुगलिया हमलावर संस्कृति ने समूल नाश कर दिया … और, इस राष्ट्र की पुनः हत्यारी है दिल्ली में बैठी हुई सरकार….. !!
कुछ है तो जरूर ऐसा की ख़त्म नहीं होती ये शर्मनाक हस्ती हमारी …………….I आखिर हजार सालो की कुंठा और कायरता कब तक इस देश को नपुंसक बनाये रहेगी??

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